पटना: बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की नीतीश सरकार पर 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के ‘महाघोटाले’ का सनसनीखेज आरोप लगाया है। यह आरोप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के खुलासे पर आधारित है, जिसमें विभिन्न विभागों की ओर से फंड की उपयोगिता रिपोर्ट जमा न करने का उल्लेख है।
पटना की सड़कों पर महाघोटाले का पोस्टर
गुरुवार को पटना की सड़कों पर विशालकाय पोस्टर लगाकर इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जा रहा है, जिन पर लिखा है – ‘CAG का खुलासा, बिहार में महाघोटाला 71 हजार करोड़।’ यह मुद्दा आगामी 2025 विधानसभा चुनावों में विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है।

कैग रिपोर्ट के जरिए सरकार पर सवाल
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने 2023-24 के लिए कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विभिन्न विभागों ने ₹70,877 करोड़ की परियोजनाओं के लिए फंड की उपयोगिता रिपोर्ट (यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट) जमा नहीं की है।खेड़ा का दावा है कि यह राशि बिहार के सालाना बजट का लगभग एक तिहाई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो अगली बार यह आंकड़ा ₹1.40 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। यह कथित घोटाला लालू यादव के शासनकाल में हुए ₹903 करोड़ के चारा घोटाला से 70 गुना से भी अधिक बड़ा बताया जा रहा है।