उत्तराखंड में मचा हाहाकार; अलकनंदा में मंडराया बाढ़ का संकट, श्रीनगर और देवप्रयाग में खतरे की घंटी


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इन दिनों पहाड़ी राज्यों में मानसून का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद भागीरथी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक, अब अलकनंदा नदी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है, जिससे देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और अधिक गहरा गया है। पहाड़ी इलाकों पर बरस रहे मानसून के प्रकोप के चलते सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। रुद्रप्रयाग में भी अलकनंदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे धारी देवी मंदिर और श्रीनगर शहर पर संकट मंडराने लगा है।

भारी बारिश का रेड अलर्ट

लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पहाड़ी इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते नदी किनारे के घाट और रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। नदी से मात्र 30 मीटर की दूरी पर स्थित भगवान शिव की 15 फीट ऊंची प्रतिमा भी अब जल में डूबती नजर आ रही है।

सोनप्रयाग और गौरीकुंड का मार्ग बाधित

वहीं, केदारनाथ धाम की यात्रा भी फिलहाल रोक दी गई है। रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुख्य मोटर मार्ग मलबा और पत्थर गिरने से अवरुद्ध हो गया है। मंदाकिनी नदी भी उफान पर है, जिससे खतरा और बढ़ गया है। एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने जानकारी दी है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। यात्रा मार्ग पर रुके श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है।

नदियों के किनारे जानें से बचें

उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक के पैदल मार्ग पर भी कई स्थानों पर पत्थर गिरने और रास्ता बंद होने की आशंका है। पूरे जिले में अलर्ट जारी है, और पुलिस बल संवेदनशील स्थानों पर तैनात है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के किनारे न जाएं, क्योंकि जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है और हालात और बिगड़ सकते हैं।

ऋषिकेश में गंगा नदी उफान पर

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी उफान पर है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा को पार कर चुकी है, हालांकि अभी वह खतरे के निशान से करीब 28 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है, जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

लोगों को सतर्क रहने की अपील

राज्य में हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों और गदेरों में उफान देखा जा रहा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर पर केंद्रीय जल आयोग निगरानी कर रहा है, जबकि स्थानीय प्रशासन गंगा तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को लगातार सतर्क रहने की अपील कर रहा है। ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर भगवान शंकर की मूर्ति अब उफनती गंगा की लहरों के बीच खड़ी दिखाई दे रही है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शा रही है।

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