राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ए. वासवानी एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष रावसाहेब कांगणे को नोटिस जारी कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही क्यों न की जाए। यह नोटिस बैंक द्वारा एक पूर्व कर्मचारी की सेवा बहाली से संबंधित आदेश की अवहेलना के आरोप में जारी किया गया है।
यह पूरा मामला:
दरअसल यह मामला बैंक के जोधपुर शाखा में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहे अरज शर्मा से जुड़ा है। शर्मा की सेवा जनवरी 2022 में बिना किसी अनुशासनात्मक जांच के समाप्त कर दी गई थी। शर्मा ने यह आदेश राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 के तहत चुनौती दी थी। उनके अधिवक्ता सिद्धार्थ टाटिया के माध्यम से की गई पैरवी के बाद, सक्षम प्राधिकारी ने नवंबर 2022 में सेवा समाप्ति आदेश को रद्द करते हुए उन्हें समस्त प्रतिफल लाभों सहित पुनः बहाल करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट में खारिज हुई थी याचिका:
बैंक ने इस आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में रिट याचिका द्वारा चुनौती दी गई, परंतु हाईकोर्ट ने नवंबर 2023 में उक्त याचिका खारिज कर सेवा बहाली आदेश को यथावत रखते हुए तत्काल अनुपालना के निर्देश दिए थे। बैंक द्वारा उक्त आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की गई, किंतु उसमें कोई स्थगन आदेश प्राप्त नहीं हुआ। अपितु मुख्य न्यायाधीश ने अपील को सीमित रखते हुए स्पष्ट किया कि अब अपील की विषयवस्तु यह है कि क्या सेवा समाप्ति के पश्चात अनुशासनात्मक जांच की जा सकती है।
अवमानना याचिका पर जारी किया नोटिस:
इसके उपरांत शर्मा द्वारा सेवा बहाली आदेश की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की गई। इस पर 15 जुलाई को अदालत ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर कारण बताने को कहा है। अगली सुनवाई 12 अगस्त 2025 को निर्धारित की है।