प्रेमी संग दो मासूमों का अपहरण, दो महिलाएं गिरफ्तार:शादी के 13 साल बाद भी संतान न होने पर उन्नाव की महिला को 1.15 लाख में बेचा


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पुलिस की हिरासत में आरोपी महिलाएं - Dainik Bhaskar

कानपुर के बड़ा चौराहा से प्रेमी के साथ मिलकर दो सगे भाइयों का अपहरण करने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महिला व उसके प्रेमी ने बच्चों को कपड़ों की खरीदारी का झांसा देकर 28 जुलाई को अपहरण किया था।

पुलिस को गुमराह करने के लिए अपहरणकर्ता दोनों भाइयों को पहले शिवराजपुर ले गए थे। जहां अपहर्ताओं ने कपड़ों की खरीदारी करा कर 6 साल के बच्चे को वहीं छोड़ दिया। जबकि उसके 20 माह के छोटे भाई को उन्नाव निवासी महिला को 1.15 लाख में बेच दिया था।

बड़े भाई को शिवराजपुर में छोड़ा शिवराजपुर पुलिस 6 वर्षीय बच्चे को लेकर कोतवाली थाने पहुंची। पुलिस ने बड़ा चौराहा से लेकर शिवराजपुर तक 60 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें बच्चों को स्कूटी से ले जाते हुए अपहर्ता कैद हो गए थे। पुलिस ने स्कूटी नंबर के आधार पर अपहरण करने वाली और बच्चे को खरीदने वाली महिला को गिरफ्तार किया है। वहीं फरार प्रेमी की तलाश जारी है।

28 जुलाई को वारदात को दिया अंजाम मूलरूप से जनपद उन्नाव के जमुना खेड़ा कुइथर अतेसुआ सथरा गांव निवासी शरीफ बड़ा चौराहा पर पत्नी जीनत व दो बेटे फरीद (6) और 20 माह शादाब के साथ रहते हैं।

शरीफ रंगों की फेरी लगाते हैं और उनकी पत्नी चौराहे पर ही रंग बेचने का काम करती हैं। बीते 28 जुलाई को पति–पत्नी अपने काम पर थे। इस दौरान स्कूटी सवार एक महिला और पुरुष आए और फरीद और शादाब को कपड़े खरीदने का झांसा देकर अपने साथ स्कूटी से शिवराजपुर ले गए।

मां की गोद में मासूम शादाब।

शिवराजपुर में लावारिस मिला फरीद

शिवराजपुर ले जाने के बाद अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के लिए कपड़े खरीदे और स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के बाद फरीद को वहीं उतार दिया। इसके बाद अपहरणकर्ता शादाब को ले गए। खुलासे के दौरान डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि लावारिस मिले फरीद से शिवराजपुर पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने बताया कि कपड़े खरीदने का झांसा देकर अंकल–आंटी उसे यहां ले आए। पूछने पर उसने बताया कि वह बड़ा चौराहा पर रहता है। जिसके बाद पुलिस ने कोतवाली में संपर्क किया।

60 CCTV खंगाले, स्कूटी का नंबर मिला

जिसके बाद एडीसीपी पूर्वी अंजलि विश्वकर्मा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच, सर्विलांस टीम के साथ तीन टीमों का गठन किया गया। टीमों ने बड़ा चौराहा से शिवराजपुर तक 60 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की तलाश की।

जिसमें स्कूटी सवार अपहरणकर्ता बच्चों को ले जाते हुए कैद हुए। शिवराजपुर पेट्रोल पंप पर भी आरोपी स्कूटी में पेट्रोल भराते दिखे। स्कूटी नंबर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल नंबर ट्रेस किया।

अनाथालय से बच्चा लाकर देने की बात कही थी जिसके बाद पुलिस ने चकेरी लाल बंगला जगईपुरवा रोड निवासी महिला जूली रानी कुशवाहा को जाजमऊ पुल के पास से गिरफ्तार किया। पूछताछ में जूली ने बताया कि उन्नाव के राम नगर निवासी रेशमा बेगम को 1.15 लाख रुपए में शादाब को बेच दिया था। डीसीपी ने बताया कि जूली ने बताया रेशम कि अपहरण की साजिश में उसका प्रेमी वैभव सिंह भी शामिल था।

पुलिस ने दोनों रेशमा और जूली को गिरफ्तार कर बच्चे को बरामद किया। जूली ने रेशमा को अनाथालय से बच्चा लाकर बेचने की बात कही थी। डीसीपी पूर्वी ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार पुरस्कार देने की घोषणा की।

प्रेम संबंधों की जानकारी पर पति ने छोड़ा था कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश पांडेय ने बताया कि जगईपुरवा निवासी जूली के क्षेत्र के ही वैभव सिंह से प्रेम संबंध हो गए थे। जिसके बाद करीब 2 साल पहले जूली को उसके पति ने छोड़ दिया था। जिसके बाद से वह वैभव के साथ रह रही थी।

डॉयल 102 में तैनात बहन के जरिए हुई थी रेशमा से मुलाकात इंस्पेक्टर ने बताया कि जूली रानी की बहन की डॉयल 102 में तैनाती है। करीब 5 माह पहले रेशमा चकेरी स्थित कांशीराम अस्पताल इलाज कराने आई थी, जहां जूली भी अपनी बहन से मिलने आई थी।

इस दौरान रेशमा ने जूली की बहन को बताया था कि उसकी शादी के 13 साल बीतने के बाद भी कोई औलाद नहीं है, जिसका वह इलाज करा रही है। जिसके जूली ने उसे बच्चा दिलाने का आश्वासन दिया था।

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