सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन में भगवान महाकाल नई पालकी में प्रजा का हाल जानने निकले। ये पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर निकाली जा रही है। सवारी शिप्रा नदी तक जाएगी। यहां महाकाल का पूजन किया जाएगा। इसके बाद रात करीब 7 बजे पालकी मंदिर वापस आएगी।
सवारी में अलग-अलग जिलों से आई भजन मंडलियां नाचते-गाते आगे बढ़ रही हैं। इससे पहले तड़के 2:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए थे। कपाट रात 10 बजे शयन आरती तक खुले रहेंगे। दाेपहर 3 बजे तक 1 लाख 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे।
इधर, खंडवा के ओंकारेश्वर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। ओंकार महाराज का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया। नैवेद्य में 56 भोग अर्पित किए गए।
तस्वीरों में देखिए महाकाल की सवारी
अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रायसेन के भोजपुर में 11 बजे तक करीब 40 हजार भक्त भोजेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर चुके थे। भोपाल के बड़वाले महादेव, गुफा मंदिर, छतरपुर के जटाशंकर धाम में भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है।
खजुराहो में भक्त 18 फीट ऊंचे मतंगेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। नर्मदापुरम में सेठानी घाट से कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़िए नर्मदा जल लेकर पचमढ़ी जाएंगे, जहां जटाशंकर महादेव का अभिषेक करेंगे।
भगवान के अभिषेक से जुड़ी तस्वीरें