अमेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक अमेरिका मंगलवार को सीरियाई इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) को विदेशी आतंकवादी संगठनों की अपनी सूची से हटाएगा.
इस समूह ने दिसंबर में सीरिया में हुए विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसने सीरिया पर 54 साल तक शासन करने वाले असद शासन को खत्म किया. इसके नेता अहमद अल-शरा अब देश के अंतरिम राष्ट्रपति हैं.
एचटीएस को अल-नुसरा फ्रंट के नाम से भी जाना जाता है. यह पहले सीरिया में अल-कायदा का सहयोगी था.
पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी देशों ने सीरिया के साथ फिर से संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने जून के अंत में सीरिया के ख़िलाफ़ अमेरिकी प्रतिबंधों को समाप्त करनके लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किया था.
व्हाहट हाउस ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य ‘स्थिरता और शांति के मार्ग’ का समर्थन करना था.
सीरियाई विदेश मंत्री असद अल-शिबानी ने कहा कि इस कदम से आर्थिक सुधार में आने वाली ‘बाधा दूर हो जाएगी’ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए देश खुल जाएगा.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल का शांति पुरस्कार देने के लिए नामित किया है.
वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई बैठक में इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति को नोबेल के शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है.
बैठक में पुरस्कार समिति को भेज गए पत्र को ट्रंप को सौंपते हुए नेतन्याहू ने कहा, “हम जब बात कर रहे हैं, तो वह एक देश में, एक के बाद एक क्षेत्र में शांति स्थापित कर रहे हैं”.
इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू का स्वागत करते हुए कहा कि उनका मानना है कि ग़ज़ा में युद्ध समाप्त करने के लिए “बहुत अच्छी बातचीत चल रही है.”
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि हमास 21 महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया, “वह मिलना चाहते हैं और वह युद्ध विराम चाहते हैं.”
यह बैठक कतर में इसराइल और हमास के बीच चल रही अप्रत्यक्ष संघर्ष विराम की बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद हुई है. हालांकि इस सप्ताह भी इस बातचीत जारी रहने की उम्मीद है.
ट्रंप से सोमवार को एक पत्रकार ने पूछा कि ग़ज़ा में शांति समझौते में क्या बाधा आ रही है, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई रुकावट है, सभी चीजें बहुत अच्छी तरह से चल रही हैं”.
वहीं नेतन्याहू ने कहा कि वह अमेरिका के साथ मिलकर ऐसे देशों की तलाश कर रहे हैं जो “फलस्तीनियों को बेहतर भविष्य प्रदान करेंगे.”


